बच्चे ही दौड़ते,बुजुर्ग नही दौड़ते,कभी गौर करना तब,जब बच्चों के पाँवधरती पर पड़ते।बीज शांत तबतक,जबतक गर्भ में होते,अंकुरण का देर,फिर तो पल-पल ही बढ़ते,अंकुर को वृक्ष होते देर नही लगते,बच्चे ही दौड़ते,बुजुर्ग नही दौड़ते।छोड़ दो बहलाना खुद को,किस बाग को,सजाना सोचो,वृक्ष तो स्थिर,तेरे ...