PREM/प्रेम

प्रेम किसे कहते उसे नही पता,जो पर्वत की ऊंची चोटियों से पिघले हिम को,अपनी दोनो भुजाओं में समेटे,चट्टानों से चोट खाते,हर बांधो को तोड़ते,अपना मार्ग स्वयं बना,सागर में खो जाने के पूर्व स्वयं,न जाने कितने ही जीवों का आशियाना बन जाते,प्रेम किसे कहते उसे ज्ञात नही,फिर भी, बिना भेदभाव किए न जाने कितने ही जीवों का प्यास […]

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JIWAN

हैं रंग कई इस जीवन के,डूबे कुछ में कुछ छूट गए,हैं जश्न अलग हर आयु के,शामिल कुछ में कहीं चूक गए।आगे भी जश्न प्रतीक्षारत,कहे दिल शरीक हो जाऊं मैं,पर बांध कई जीवन नद में,जिससे नित ही टकराऊं मैं,टकराते तुम भी नित हर पल,सज बैठे ख्वाहिश के रथ पर,है झूठी शान,दुविधा गुरुर,बंधे जिसमें जलसों से दूर,है […]

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Shubhkamnayen/शुभकामनाएं

वो बातूनी है,बड़े दिलवाला भी,कलम का धनी,सबका दुलारा भी,सदैव हंसने,हंसाने वाला,जरूरत पर सबका साथ निभानेवाला,किसी अपरिचित को भीअपना बना लेने का हुनर उसमें,एकसूत्र में बांध रखने का निपुणता उसमें,उससे मिलते ही मिट जाते हैं गम सारे,हर्षित,गौरवान्वित हैं मिलकर उससे हम सारे,बिन फूलों के जैसे कोई बाग,वैसे ही वगैर उसके writer’s परिवार,उसे कोई shanky कहता कोई […]

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PATA NAA CHALA/पता ना चला।

ख्वाब कब अपने,अपनों के हो गए,पता ना चला।फिक्र में उन्ही के,कब जीवन ये ढल गए,पता ना चला।जीवन सफर में रहे दौड़ते हम,कदम कब रुके,पता ना चला।मालूम बुढ़ापा आना था एक दिन,बूढ़े हुए कब,पता ना चला।थी अपनों की बस्ती,बुलंदी पर जब थे,अकेला हुए कब,पता ना चला।अकेला हुए कब,पता ना चला।!!!मधुसूदन!!!

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